दलालों के गिरफ्त में फंसा सभांगीय परिवहन विभाग गोण्डा का दफ्तर
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दलालों के गिरफ्त में फंसा सभांगीय परिवहन विभाग गोण्डा का दफ्तर
आरटीओ आफिस दलालों के लिए बना हुआ है जन्नत।
परिवहन विभाग ने भले ही दलालों पर नकेल कसने के लिए कमर कस ली हो लेकिन अब भी सारा काम दलाल ही करता है, चाहे आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो। गाड़ी का रजिस्टेशन कराना हो, या ट्रांसफर कराना हो या सवारी गाड़ी का फिटनेस लेना हो इन सभी के लिए पटल लिपिकों द्वारा अपना-अपना चुनिंदा दलाल नियुक्ति किया गया है। बस हर काम की उचित फीस दलाल को मिलनी चाहिए क्योंकि उसे संबंधित तक पहुंचाना होता है।
जनपद गोण्डा के सभांगीय परिवहन कार्यालय से यदि कोई भी व्यक्ति अपना काम सीधे तौर पर करवाने का प्रयास भी करता है तो उसका आवेदन फाइलों में ही दबी रह जाती है। आवेदक यदि रकम खर्च करने के लिए तैयार है तो मिनटों में दलाल आपका काम चुटकी में कराने के लिए तैयार है। आप सोंचे कि बिना दलाल या किसी को घूस खिलाये बिना हम अपना काम करवा लेंगे, तो यह एक कल्पना है योगी राज में भी वैसे तो आम सहूलियत के लिए सरकार ने इन सभी कामों के लिए फीस बेहद कम दर की रखी है। लेकिन हकीकत में 5 से 7 गुना तक कीमत चुकानी पड़ती है। समय समय पर विभाग में दलालों को लेकर हंगामा भी किया जाता है। लेकिन बेबस जनता सीधे कर्मियों के पास पहुंचती है तो उन्हें टका सा जवाब देकर भगा दिया जाता है। जिसके बाद परेशान लोग दलालों को ही अपना हमराह मानते हैं। ताज़ा मामला जनपद गोण्डा के आरटीओ विभाग से जुड़ा हुआ है जिस कुर्सी पर कर्मचारियों को बैठना चाहिए उस कुर्सी पर दलाल बैठकर सरकारी कंप्यूटर को यूज करते हुए नजर आ रहे है यहीं नही दो तीन काउंटर है ऐसे है जहाँ पर जब मन करता है दलाल आकर बैठ कर सरकारी कंप्यूटर को यूज किया करते है इन दलालों पर आरटीओ विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है जबकि वह कार्यालय में आते हैं और दलालों को देखते भी हैं लेकिन चुप्पी साधे रहते हैं क्योंकि दलाल के द्वारा उनको मोटी रकम पहुँचाई जाती है आप यहीं से अंदाजा लगा सकते हैं कि गोंडा का पूरा आरटीओ विभाग दलालों के दम पर चलता है और अधिकारी मौज काटते हैं। कार्यालय के बाहर दलालों का बोलबाला है। केंद्रीय जहाजरानी एवं राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकारी ने जागरण फोरम में बोलते हुए आरटीओ विभाग में बैठे लोगों को चंबल के डाकुओं की संज्ञा दी है। जनपद में भी आरटीओ कार्यालय के बाहर व अंदर ऐसा ही नजारा नजर आता है। कार्यालय के बाहर दलालों का बोलबाला है। दलालों की भीड़ समूह के रूप में नजर आती है। उपसंभागीय परिवहन कार्यालय के बाहर सड़क के दोनों तरफ मेज कुर्सी पर बैठे दलाल चांदी काट रहे हैं। चंद रुपयों का कार्य मोटी कीमत में होता है। कार्यालय में मौजूद अधिकारी भी इन दलालों के माध्यम से आने वाली फाइलों को ही अपना कार्य समझते हैं।
खास रिपोर्ट मोहम्मद अरशद आरिफ गोंडा