क्राइम खुलासा न्यूज़ में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 9919321023 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें

Crime khulasha news

Hind Today24,Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें, Crime Khulasa news

उन्होंने रामचरितमानस नहीं जलाया, उन्होंने तो वर्षों से मरे हुए हम हिन्दुओं की चिता जलाई है!

1 min read

Advertisement

 

उन्होंने रामचरितमानस नहीं जलाया, उन्होंने तो वर्षों से मरे हुए हम हिन्दुओं की चिता जलाई है!

अब क्यों असहज हो रहे हैं हम?? जानते हैं इस देश के जनसंख्या के तकरीबन 75 प्रतिशत हैं हम, फिर भी गर उनमें हमारे धर्मग्रंथों को दिन दहाड़े जलाने की हिम्मत है तो निश्चित तौर पर हम तो ज़िंदा नहीं ही हो सकते हैं।
नूपुर शर्मा याद है या भूल गए?? उन्होंने तो इस्लाम के ऊपर एक छोटी सी टिप्पणी की थी न, क्या परिणाम हुआ? नुपुर शर्मा का इतना भयानक विरोध हुआ कि अपने आप को हिंदुत्ववादी पार्टी कहने वाली भाजपा को उन्हें अपनी पार्टी से निकाल देना पड़ा। ये क्या सिद्ध करता है? ये सिद्ध करता है कि वो मुट्ठी भर होते हुए भी एकत्रित हैं, एकमत हैं, मजबूत हैं और हम इतने बड़े संख्या में होने के बावजूद भी बंटे हुए हैं, बहुमति हैं, कमजोर हैं।

हम अपेक्षा करते हैं कि राम के साथ गलत करने वालों को प्रभु राम सजा देंगे, किंतु प्रभु राम हमारी ओर देखकर हंस रहे होंगे और हमें यूँ असहाय देखकर उन्हें भी तरस आ रहा होगा। गलत करने पर समुन्द्र तक को चुनौती देने वाले तथा रावण का सेना सहित वध करने वाले राम जब हम जैसे कर्महीन भक्तों को देखते होंगे तो उन्हें अफसोस तो होता ही होगा।
रामचरितमानस का जलना कोई सामान्य घटना नहीं है, 100 करोड़ से ज्यादा हिन्दू तथा मोदी जैसे प्रधानमंत्री वाले देश में हिंदुओं का यूँ चीरहरण होना सामान्य कैसे हो सकती है? कुछ पल के लिए केवल अन्य धर्म के ग्रंथों को जलाने की कल्पना मात्र कीजिये, आपको एहसास हो जाएगा कि इसका परिणाम राष्ट्रदाह होगा।

राश्ते पर भौंकते हर अगले कुत्ते को जवाब देना उचित नहीं है और जवाब देना भी नहीं चाहिए, लेकिन कुत्ता गर पागल हो जाए और उसको मारा नहीं गया तो उसकी कीमत कइयों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। आप सोचिये की रामचरितमानस जैसे धर्मग्रंथ को जलाने वालों की मानसिकता क्या रही होगी और उनके दिलों में कितना जहर फैला हुआ होगा..
रामचरितमानस कोई किताब या कविता नहीं, वेद- वेदांत का सार, जीव समूह के उद्धार का आधार तथा समाज के सभी वर्गों में भाईचारे का संचार करने वाली राष्ट्रीय पूंजी है और ऐसे ग्रंथ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताने वाले व्यक्ति की मनःस्थिति तथा मानसिक स्थिति की आप कल्पना भी नहीं कर सकतें और जो व्यक्ति इस ग्रंथ के बारे में उलूल जुलूल बातें कर रहा है तथा इसे जला रहा है वो कितना कुंठित मानसिकता का विक्षिप्त व्यक्ति होगा इसकी केवल कल्पना की जा सकती है।

हमारी सबसे बड़ी समस्या ये है कि हम किसी और पर निर्भर हैं। हम कभी अपनी निर्भरता ईश्वर पर थोप देते हैं तो कभी सरकार पर और फिर उसकी आड़ में अपनी कायरता को छुपा लेते हैं। एक वों हैं जो आत्मनिर्भर हैं, वो जरा सी बात पर निर्भय होकर “सर तन से जुदा” के नारे लगाते हैं और अपनी बार सरकार से मनवा लेते हैं। हम अपनी उचित माँग भी सरकार तक नहीं पहुँचा पातें और वो अपनी अनुचित माँग विश्वपटल तक ले जाते हैं।
धर्म की स्थापना के लिए तो उस युग में भी मुरलीधारी को सुदर्शन उठाना पड़ा था, इस सच्चाई को हम जितनी जल्दी समझ लें, हमारे लिए तथा हमारे धर्म के लिए ठीक रहेगा, अन्यथा मानस का जलाना तो महज उदाहरण है, वो दिन दूर नहीं जब हम कर्महीन, धर्महीन तथा कायरों की वो घर में घुसकर चिता जलाएँगे। खैर! होइहें वही जो श्री राम रची राखा…
💐💐🙏
ज्ञान प्रकाश तिवारी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अंतर्राष्ट्रीय धर्म सेना

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!