सांसद कैसरगंज व प्रसार निदेशक ने दो दिवसीय किसान मेले का किया समापन
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सांसद कैसरगंज व प्रसार निदेशक ने दो दिवसीय किसान मेले का किया समापन
मानव स्वास्थ्य के लिए अमृत समान हैं मोटे अनाज व शुद्ध दूध
बहराइच 04 मार्च। फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच में आयोजित 02 दिवसीय किसान मेंले के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद कैसरगंज बृजभूषण शरण सिंह ने विशिष्ट अतिथि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के प्रसार निदेशक प्रो.डॉ. ए.पी. राव व एमएलसी प्रज्ञा त्रिपाठी, विधायक पयागपुर सुभाष त्रिपाठी, क्षेत्र पंचायत प्रमुख हुजू़रपुर अजीत सिंह व अन्य अतिथियो के साथ कृषि वैज्ञानिकों, किसान मेले में स्टाल लगाने वाले विभागों, गैर सरकारी कम्पनियों के प्रतिनिधियों उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों व अन्य को प्रशस्ति प्रदान कर सम्मानित किया।
समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए सांसद श्री सिंह ने किसानों का आहवान किया पराली को जलाएं नहीं बल्कि बेहतर प्रबन्धन कर इसका उपयोग भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में करें। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने से जहां विभिन्न प्रकार के मित्र कीटों का नाश हो जाता है वहीं आग लगने की संभावना के साथ पर्यावरण की भी अपूर्णीय क्षति होती है। उन्होंने रसायनिक खादों एवं कीटनाशकों का संतुलित प्रयोग करने तथा परिवार के स्वास्थ्य के लिए अपने घर पर ही दूध व सब्ज़ी पैदा करने की सलाह दी। उन्होंने लोगों को मिलेट्स का उपयोग करने खान-पान की आदतों में सुधार लाने का सुझाव दिया। श्री सिंह ने पौष्टिक व मोटे अनाज हमारे लिए रेगिस्तान में पैट्रोल मिलने से कम महत्वपूर्ण नहीं है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. राव ने तिलहन खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सरसों तेल को उपयोगी बताया। उन्होंने केन्द्र पर सरसों व गेहूॅ के फसल की सराहना करते हुए बताया कि निकट भविष्य में केन्द्र ड्रोन सुविधा से भी सुसज्जित हो जाएगा। प्रो. राव के कृषकों का आहवान किया सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करते हुए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार खेती कर अपनी आय में गुणात्मक वृद्धि करें। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डी. बी.पी. शाही केन्द्र द्वारा संचालित परियोजनाओं के बारे में विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए कृषि अवशेष को खेत में न जलाए जाने की सलाह दी। कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा अध्यक्ष डा. के.एम. सिंह ने रबी और जायद की खेती तथा श्रावस्ती के प्रभारी डॉ. विनय कुमार ने सब्जियों की खेती के बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की।
किसान मेले में डा. पी.के. सिंह ने मधुमक्खी पालन, डा. शैलेन्द्र सिंह ने पराली अवशेष प्रबन्धन के लिए पूसा-डी-कम्पोज़र के उपयोग, डा. उमेश बाबू ने गेंहू और जायद की फसलों की नई प्रजातियों, श्रीमती रेनू आर्य ने पोषण वाटिका, डॉ. नन्दन सिंह ने प्राकृतिक खेती, डा. अरुण कुमार राजभर ने किसान उत्पादक संगठन के गठन और इसके लाभों, डा. नीरज सिंह ने फसल अवशेष प्रबन्धन में प्रयोग होने कृषि उपकरणों के संचालन, सुनील कुमार बीज क्रय के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी।
उल्लेखनीय है कि 02 दिवसीय किसान मेले में 26 से अधिक स्टाल लगाए गए थे। जिसमें प्रमुख रूप से समन्वित कीट प्रबंधन संस्थान लखनऊ, हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड, कृषि विभाग, इफको, उद्यान, गन्ना विकास, पशुपालन समेत किसान उत्पादक संगठन, एकता महिला किसान सेवा मण्डल, उद्यमी महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, नेचुरल फार्मर प्रोड्यूसर, सहित गैर सरकारी कम्पनियों रासी सीड, बायर, धनुका, खेतान, टी.सी.एल., आई.टी.सी., दयाल, धरनी व यूएस एग्री सीड्स इत्यादि कृषकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहें।
कृषि मेले के दौरान गौरैया संरक्षण में सहयोग प्रदान करने वाले मिथिलेश जायसवाल सहित कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित करने वाले कृषकों रिजवान अली, पंकज, राजेश, बरसाती लाल, अशोक कुमार, बदलू राम, जगन्नाथ, राना चेतन, रामनरेश, श्रीमती माया देवी, जिया-उल-हक, अम्बरीश, गिरजेश, दिनेश, राहुल, अनिल, मनोज, आनंद, अनिरुद्ध, हरिसरण, मुहीद, दीप नारायण, श्रीमती लीलावती, साधना, अशोक को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सममानित किया गया। कृषक मेले लगभग 600 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर किसान मेले के दूसरे दिन उपस्थित सभी वैज्ञानिक और अधिकारी जिसमे डा. अरुण कुमार के. वी.के. नानपारा, जिला सुरक्षा अधिकारी श्रीमती प्रिया नन्दा, जिला कृषि अधिकारी सतीश पांडेय, सहा.नि.मत्स्य डा. जितेन्द्र, के.वी.के. मनकापुर के पूर्व अध्यक्ष डा. मिथलेश पाण्डेय सहित अन्य एलायड विभागों के अधिकारी व कर्मचारी सहित बड़ी संख्या कृषक मौजूद रहे।