जिमखाना क्लब की जमीन पर बन रहे न्यूक्लियस मॉल के मामले में हाई कोर्ट ने फैसला रखा
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जिमखाना क्लब की जमीन पर बन रहे न्यूक्लियस मॉल के मामले में हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित-Ranchi: जिमखाना क्लब की जमीन पर बन रहे न्यूक्लियस मॉल को लेकर यूनियन ऑफ इंडिया, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस डिफेंस की याचिका की आंशिक सुनवाई बुधवार को झारखंड हाइकोर्ट में हुई. मामले में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मामले में आदेश के लिए 29 मार्च की तिथि निर्धारित की है. कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. प्रतिवादी चैलिश रियल एस्टेट की ओर से सुमित गड़ोदिया ने पक्ष रखा. वहीं केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार एवं अधिवक्ता प्रभात कुमार सिन्हा ने पैरवी की. मामले में सेना की ओर से कहा गया कि जिमखाना की जमीन पर जो मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बन रहा है वह सेना की जमीन के बगल में है. नियम के अनुसार सुरक्षा के दृष्टिकोण से सेना की जमीन से 50 मीटर की दूरी पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य होना चाहिए था. वहीं प्रतिवादियों की ओर से कहा गया कि सेना की ओर से जिस गाइडलाइन का हवाला दिया जा रहा है वह वर्ष 2022 का है, जो इसमें अप्लाई नहीं होता है. वर्ष 2016 का गाइडलाइन इसमें अप्लाई होता है, जिसमें कहा गया है कि सेना की जमीन से 10 मीटर की दूरी पर किसी बिल्डिंग का निर्माण कार्य हो सकता है. जो बिल्डिंग का निर्माण कार्य हो रहा है वह सेना की जमीन से 45 मीटर से ज्यादा दूरी पर है.