सहायक औषधि आयुक्त मनोज कुमार व औषधि निरीक्षक प्रीति सिंह पर मुकदमा पंजीकृत कराने की मांग

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डीएम कमिश्नर व मुख्यमंत्री से मांगी सहायक औषधि आयुक्त व औषधि निरीक्षक पर मुकदमा पंजीकृत कराने की अनुमति
दवा व्यापारी से बीस हजार रुपए महीने मांगने तथा तीन लाख रुपए आफिस लेकर आने का मामला
श्रावस्ती। अनैतिक दबाव बनाकर धन उगाही करने के आरोपी सहायक औषधि आयुक्त एवं औषधि निरीक्षक पर दवा व्यापारी ने जिलाधिकारी श्रावस्ती, मण्डल आयुक्त देवीपाटन एंव मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर मुकदमा पंजीकृत कराने की अनुमति मांगी है। डीएम कमिश्नर एंव मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में प्रमोद कुमार सोनी ने कहा है कि पन्द्रह मई 2023 को मेरे प्रतिष्ठान पर सहायक औषधि आयुक्त मनोज कुमार गुप्ता व औषधि निरीक्षक प्रीति सिंह ने पहुंच कर आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के उपरान्त एक सादे पेपर पर हस्ताक्षर बनवाया तथा अनैतिक दबाव बनाकर पेपर पर लिखवाया कि एक प्रति प्राप्त किया। जबकि उक्त अधिकारियों द्वारा उन्हें कुछ भी नहीं दिया गया है। इसके बाद उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि यदि व्यापार करना चाहते हो तो बीस-बीस हजार रुपए प्रति महीना देना होगा। अगर रूपये नहीं दिए तो आपको व्यापार नहीं करने देंगे और किसी भी ड्रग एक्ट में जेल भेज कर लाइसेंस निरस्त कर देंगे। निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक ने दुकान में रखी महंगी-महंगी दवाएं भी अपने साथ ले गईं हैं। वहीं सहायक औषधि आयुक्त भी प्रति महीने महंगी-महंगी दवाएं ले जाते थे। जब हमने दवा देने से मना किया तो उन्होंने फर्जी तरीके से कार्यवाही करने तथा शिकायत करने पर महंगा पड़ने की धमकी दी। प्रमोद कुमार के अनुसार उपरोक्त अधिकारियों का यह व्यवहार दुकान पर मौजूद ग्राहकों को बहुत बुरा लगा, जो घटना के साक्ष्य के रूप में हैं। इसके बाद 22 जून दिन शुक्रवार समय रात्रि 07:55 बजे औषधि निरीक्षक प्रीति सिंह ने फोन करके धमकी भरे अंदाज में कहा कि 26 जून को सहायक औषधि आयुक्त के कार्यालय पर तीन लाख रूपये लेकर आ जाना, नहीं तो दुकान सील कर देंगे। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पहले भी तमाम अधिकारियों से कर चुका है, जिसके बाद से उक्त अधिकारियों ने पीड़ित का जीना हराम कर रखा है। ऐसे में पीड़ित ने डीएम कमिश्नर व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सहायक औषधि आयुक्त व औषधि निरीक्षक पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराने की अनुमति मांगी है।